--मेरे सात बाल
उपन्यास --(कथासार)-
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कुछ वर्ष पहले मेरे
सात बाल उपन्यासों का संकलन प्रकाशित हुआ था. पुस्तक का कलेवर बड़ा था.पाठकों की
सुविधा के लिए मैं यहाँ सातों उपन्यासों का कथा सार क्रमशः प्रस्तुत कर रहा हूँ.
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१.पेड़ नहीं कट रहे हैं २ चिड़िया और चिमनी ३ एक छोटी बांसुरी
४ खिलौने ५ नीलकान ६. अधूरा सिंहासन ७. हीरों के व्यापारी
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इससे पहले आप 'पेड़ नहीं कट रहे हैं''चिड़िया और चिमनी',तथा 'एक छोटी बांसुरी'उपन्यासों के
कथासार पढ़ चुके हैं।
अब प्रस्तुत है 'खिलौने' उपन्यास का कथासार===
4. खिलौने(((भारतेन्दु
हरिश्चंद्र बाल साहित्य पुरस्कार )
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लेखू खिलौने
बेचता था. खिलौने बनाने वाले सुखीराम के
साथ रहता था. उसका अपना कोई नहीं था. सुखीराम उसे मारता पीटता था, पर वह कुछ नहीं कर सकता था. एक लड़की थी मुन्नी.
उसके पैर में तकलीफ थी.वह खिड़की में बैठी
देखती रहती थी.लेखू गली में आया तो मुन्नी
ने उससे खिलौना मांग लिया. लेखू ने खिलौने के बदले पैसे मांगे .मुन्नी एक गरीब
मजदूर की बेटी थी.उसके पास पैसे नहीं.थे
मुन्नी रोकर
लेखू को अपनी तकलीफ के बारे में बतलाती है तो लेखू को दुःख होता है.
वह सोचता है –अगर एक चिडिया पकड़कर मुन्नी को दे दे तो उसका
मन बहल जाएगा.वह चिडिया पकड़ने के लिए पेड़ पर चढ़ता
है तो नीचे रखे अपने खिलौनोँ पर
गिर पड़ा और सारे खिलौने टूट गए. चिडिया भी
मर जाती है.लेखू दुखी है. तभी वहां
चीतल आता है – वह लेखू की मदद करता है. मृत चिड़िया को जमीन में दबा दिया जाता है.चीतल एक खंडहर में रहता है. लोग उसे भिखारी कहते हैं पर उसकी एक
दुःख भरी कहानी है.
सुखीराम खिलौने टूटने के कारण लेखू को मार पीटकर
भगा देता है. अब लेखू कहां जाए. स्टेशन पर सामान ढोते हुए वह बेहोश हो जाता है. एक
बार फिर चीतल लेखू की मदद करता है और उसे अपने साथ खंडहर में ले जाता है.
खंडहर में सिपाही हेकड़ राम आ जाता है. वह समझता है कि
चीतल लेखू का अपहरण करने वाला है. पर ऐसा नहीं है.चीतल उसे पूरी बात बतलाता
है, हेकड़ राम का भ्रम दूर हो जाता है. लेखू चीतल के साथ वहीँ
रहता है. खंडहर के पास से रेलवे लाइन गुजरती है. एक रात लेखू की नींद टूट जाती है.
वह देखता है कि वहां से जाती रेल गाडी से एक पोटली गिरती है,जिसे दो लोग उठा कर ले जाते हैं. लेखू अपने उन
दोस्तों से मिलना चाहता है जो कई दिनों से बाज़ार में खिलौनें बेचते नहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं.
आखिर वे कहाँ चले गए?
लेखू मुन्नी से
मिलने जाता है.मुन्नी और उसकी सखियाँ रंगीन कपडे की कतरनों से सुंदर खिलौने बना
रही हैं. वे लेखू को खिलौने बेचने के लिए देती हैं. लेखू वे खिलौने एक
डॉक्टर की बेटी जूही को देता है. डॉक्टर कहते हैं और खिलौने लाओ.. जूही का
अपहरण हो जाता है. एक रात लेखू के सर पर वार होता है. वह बेहोश हो कर गिर जाता है और
फिर अपने को बंदी पाता है. वहीँ उसके दोस्त और जूही भी कैद में हैं. उन्हें बच्चों की तस्करी करने वाले गिरोह ने
पकड़ा है.तभी चीतल और हेकड़ राम वहां आ जाते
हैं . तस्करों ने बच्चों को एक बड़ी नाव में कैद कर रखा है. सब तस्कर पकडे जाते
हैं.लेखू और उसके दोस्तों की देख रेख और
शिक्षा का जिम्मा डॉक्टर लेते हैं. अब
उन्हें खिलौने नहीं बेचने पड़ेंगे . ==
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