मम्मी
व्याकुल—बाल गीत—देवेन्द्र कुमार
सड़क अंधेरी बत्ती गुल
घर में हैं मम्मी व्याकुल
पापा अब तक घर न आए
मां को धीरज कौन बंधाए
बार-बार बाहर जाती हैं
अगले पल अंदर आती हैं
मैं समझाऊं, आंख
दिखाएं
बहना को भी वह धमकाएं
लो इतने में पापा आए
मम्मी को थैले पकड़ाए
मम्मी ने पूछा तो बोले
कब से रुका हुआ था पुल
हम सब खूब हंसे खिलखिल
सड़क अंधेरी बत्ती गुल
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