Monday 15 April 2019

मम्मी व्याकुल--बाल गीत--देवेन्द्र कुमार


मम्मी व्याकुलबाल गीत—देवेन्द्र कुमार

                                                                                                                           
सड़क अंधेरी बत्ती गुल
घर में हैं मम्मी व्याकुल

पापा अब तक घर न आए
मां को धीरज कौन बंधाए
बार-बार बाहर जाती हैं
अगले पल अंदर आती हैं

मैं समझाऊं, आंख दिखाएं
बहना को भी वह धमकाएं
लो इतने में पापा आए
मम्मी को थैले पकड़ाए

मम्मी ने पूछा तो बोले
कब से रुका हुआ था पुल
हम सब खूब हंसे खिलखिल
सड़क अंधेरी बत्ती गुल
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Sunday 14 April 2019

सिर के बल--बाल गीत--देवेन्द्र कुमार


सिर के बलबाल गीत—देवेन्द्र कुमार
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पापा कहते बड़े बनो
मम्मी की हर बात सुनो
लेकिन अपना मन चाहता है
बालक बनकर रहा करें

देखो मेरा जूता छोटा
सब कहते हैं मुझको खोटा
बिना बात क्यों बड़ा बनूं मैं
लोग भले ही कहा करें

जब खेलूं तो रोका जाता
बिना बात ही टोका जाता
सब चाहते हैं यह बच्चा तो
बस सिर के बल खड़ा रहे

कोई मुझसे कुछ न बोले
मैं बैठा हूं आंखें खोले
यह दुनिया बच्चों की भाई
बच्चे क्यों चुप रहा करें
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