पानी
को धोना है -बाल गीत -देवेंद्र कुमार
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पानी
के हाथ नहीं
फिर
भी बुलाये
बिना
पैर देखो
चलता
ही जाए
उतरा
पहाड़ों से
बारिश
में नहाया
खेतों
में फ़ैल गया
हरियाली
लाया
शहरों से निकला
मुंह काला करके
नालों में अटका
कीचड़ में फंस के
आओ
सब मिल कर
पानी
को धोएं
गन्दा
जो करते
जी
भर के रोयें
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अति सुन्दर ।
ReplyDeleteपर्यावरण के प्रति जागरूकता भी दर्शाता है।