Tuesday 23 March 2021

पागल हुई रसोई- बाल गीत-देवेंद्र कुमार =========

पागल हुई रसोई- बाल गीत-देवेंद्र कुमार

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मां गुस्सा थी सारे घर से

पागल हुई रसोई

 

सब कुछ उलट पलट कर डाला

गिरा दूध में गरम मसाला

मुन्नी ने जो घूंट भरा तो

चीख-चीख कर रोई

 

 

मैंने गरम तवा खिसकाया

पापा ने भी हाथ जलाया

चीख-पुकार मची थी घर में

काम हुआ न कोई

 

मम्मी जी फिर उठकर आईं

हम भागे बाहर को भाई

 पापा मम्मी में कुछ  गुपचुप

हंसने लगी रसोई।

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