Wednesday, 13 February 2019

बेच रहे गुब्बारे --बाल गीत--देवेन्द्र कुमार


बेच रहे गुब्बारेबाल गीत—देवेन्द्र कुमार
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बच्चे बेच रहे गुब्बारे
रंग-बिरंगे प्यारे प्यारे
फटे पुराने कपड़े पहने
कौन नए सिलवाएगा

सब बच्चे पढ़ने जाते हैं
छुट्टी हो तो घर आते हैं
ये क्यों सड़कों पर रहते हैं
कौन हमें समझाएगा

ऐसे बच्चे कितने सारे
बेघर हैं पर फिर भी प्यारे
इनका बचपन किसने छीना
कौन इन्हें बतलाएगा

कुछ सड़कों पर कुछ ढाबों में
घर में नौकर, कुछ खेतों में
पुस्तक, खेल, खिलौने गायब
वापस कौन दिलाएगा

क्यों न हम सब मिलकर सोचें
ये क्यों अपना बचपन बेचें
कहां छिपी हैं इनकी खुशियां
कौन खोजकर लाएगा
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